आत्मिकता में बढ़ना
आपको हमेशा अपनी आत्मा में प्रभु के सामने आना चाहिए क्योकि आप में केवल यही भाग धार्मिकता और सच्ची पवित्रता में सृजा गया है
आपको हमेशा अपनी आत्मा में प्रभु के सामने आना चाहिए क्योकि आप में केवल यही भाग धार्मिकता और सच्ची पवित्रता में सृजा गया है