आशा से भरे मसीह के बंदी
कोरस: आशा से भरे मसीह के बंदी
शरण पाने गढ़ की और आओ -2
निराश न हो यीशु जिंदा है
दुगुना सुख और विश्राम देगा वह -2
1. अंध कार और मृत्यु, के बंधन में फंसे
तुम जो पीड़ित हो, पाप, श्राप और बीमारी से -2
मत डरो सामर्थी, है रक्षक तुम्हारा
ज्योति चमकाकर यीशु आनन्दित करेगा | -2 … आशा से
2. यहोवा ही चट्टान, जो मज़बूत और सच्चा
उसी पर ही रखो तुम भरोसा सदा -2
जिसका मन प्रभु में सदा स्थिर है रहता
उसको पूर्ण शांति देकर वह रक्षा करेगा | -2 … आशा से
3. अय्युब घोर परीक्षा, और रोग के संताप में
प्रभु को सदा धन्य वह कहता रहा -2
स्तुति करते रहो, हर परिस्थिति में
दुगुनी आशीष तुम प्राप्त करते ही रहोगे | -2 … आशा से
4. आग की भट्टी में, शद्रक, मेशेक, अबेदनेगो
के साथ रहकर छूड़ाया प्रभु ने उनको -2
अग्नि समान, महा क्लेश जब हो तुम्हारा
महिमा की आत्मा से, प्रभु जयवन्त करेगा | -2 … आशा से
5. सारी सृष्टि कराहती, छुटकारे के लिए
देह के छुटकारे के लिए प्रार्थना करे -2
ललकार के साथ प्रभु जब फूंकेगा तुरही
उड़ जाएंगे हम जय जयकार करते यीशु की | -2 … आशा से