तू जो छू जाए इस मिटटी को
तू जो छू जाए इस मिटटी को
यह मिटटी कुंदन हो जाए
कुम्हार बने जिस बर्तन का
वह बर्तन दर्पण हो जाए
येशु येशु-2
2. तुफानों की हस्ती है क्या
जब ज़िंदा चट्टान पर हो आँखे-2
अंगूर के पेड़ से पेवस्ता
हर डाली सावन हो जाए
2. तेरे लख्ते जिगर ने पाक ख़ुदा
भक्ते इंसान बदल डाला-2
ईमान जो लाये येशु पर
अंबर भी धड़कन हो जाए
3. दुनिया छोड़ छोड़े साथी
मट्टी का खिलौना है इंसान-2
गर हाथ में हाथ हो येशु का
वह मौत भी जीवन हो जाए