राजाओं का राजा यीशु,
राजाओं का राजा यीशु, प्रभुओं का प्रभु
अगम्य ज्योति में वह रहनेवाला
एक जगह तैयार करके फिर मैं आ जाऊँगा
कहते हुए यीशु द्वार पर आ गया।
कोरसः
जय-जयकार करते हुए उड़के मिलेंगे
नित्य घर में उस से जा मिलेंगे
उसकी महिमा में हम मगन हो जायेंगे
उसकी ज्योति में सदा हम चमकेंगे।
2 संसार नाश हो रहा है पाप, रोग, कठिन दुःख से
शैतान के धोखे में लोग फंसते जा रहे
आत्मा की तलवार से हम सामना करते रहेंगे
यीशु के लहू से सदा जय पायेंगे।
जय-जयकार
3 शैतान की युक्तियाँ हैं बढ़ती जाती हर दम
चुने हुए भक्तों को गिराना चाहता
प्रभु का ज्ञान पाकर बुद्धिमानी से चलें
यीशु के वचन से हम जय पायेंगे। … जय-जयकार
4 पृथ्वी और प्रकृति, अब बदलती है जाती
विद्वान लोग अचम्भित हो रहे हर जगह
अजीब चिन्हों को देखकर लोग हैं घबरा रहे
सिर उठायें, छुटकारे का दिन समीप है।
जय-जयकार
5 परमेश्वर की तुरही जल्द फूंकी जब जायेगी
अद्भुत और भेद की बातें हैं होनेवाली
मरणहार देह अमरता को, धारण कर लेगी
जय तब मृत्यु को निगल जायेगी।