सिय्योन बनाकर यीशु महिमा में आयेगा
सिय्योन बनाकर यीशु महिमा में आयेगा
अचानक से ही प्रभु प्रगट होवेगा
करोड़ों सूर्यों से अधिक शोभायमान वो
बाट जोहता हूँ मैं उसके साथ ही रहने को।
कोरसः कब मैं देखूगा गले लगाऊँगा?
धार्मिकता से यीशु के रूप को तादूंगा
जय के गीत गाऊँगा, खुशी मनाऊँगा
युगानुयुग पिता की सेवा करूँगा।
धर्मी जन धरती से हैं उठाये जा रहे
मनुष्यों के आश्रय हटाये है जाते
विपत्ति का वह दिन अब आ पहुँचा प्रभु
मुझे छिपा ले अपने गुप्त स्थान में तू।
गन्धरस के पहाड़ पर और लोबान की चोटी पर
प्रार्थना और धन्यवाद में लौलीन रहूँगा
साँझ को मिट जायेगी निन्दा अपमान के छाया
सुनहरी सुबह को प्रेमी से मिलूँगा।
हिलाये जा रहे हैं आकाश और पृथ्वी भी
भूचाल और बाढ़ से नाश हो जायेगी धरती
अटल और नित्य राज्य को मैं भी प्राप्त करूँ
भय और भक्ति से प्रभु सेवा मैं करूँ।
अनमोल रत्नों से सजे मेरे उस भवन में
दुःख, दर्द, बीमारी और विलाप न हो जहाँ
राजाधिराजा की दुल्हन बनूँ वहाँ
यीशु के साथ मैं सदा राज्य करूँगा।