हालात भी रोक नहीं सकते
हालात भी रोक नहीं सकते
मुझे तेरी परस्तिश करने को
तू जो साथ खड़ा है खुदा
क्या है जरुरत डरने को
हालात भी रोक नहीं सकते…….
1. हिम्मत क्या है रोगों की जो
मेरे बदन को छू जाएं
दुश्मन के भी तीर कभी ना
मेरे घर में घुस पाएं
तू हर दम तैयार है रहता
नये मसह से भरने को
हालात भी रोक नहीं सकते..
2. जीवन की तन्हाइयों में मैं
तेरा नाम पुकारुगां
चाहे आंसू हो आंखो में
मैं कभी भी ना हारूंगा
गिर जाऊं तो हाथ तेरा है
फिर से खड़ा मुझे करने को
हालात भी रोक नहीं सकते.
3. कोई मुश्किल कोई आफ़त
अब ना सकती तोड़ मुझे
तूफानों से भी भिड़ जाऊंगा
तू जो देता ज़ोर मुझे
कर लिया तैयार है खुद को
सूली पर भी चढ़ने को
हालात भी रोक नहीं सकते..