बारिश बन कर आ, ऐ रुहे पाक
बारिश बन कर आ, ऐ रुहे पाक
बरस जा बरस जा……
भर दे सब को आज,
अपने मसह के साथ,
बरस जा बरस जा……
1. तेरी बूंदे छू लें सर से पाओं तक,
भिगो दे मुझ को तू
रूह के शोले बरसे,
बरसें चारों ओर सब बदल दे तू
मेरे येशु की हर बात,
मुझ को सिखा दे आज
बरस जा बरस जा……
2. मेरे मन सोचों पर तेरा जोर चले,
सुनूं हर तेरी बात,
तू जो बोले अब से बोलूं वही मैं,
तू बन मेरी जुबान,
मेरे जो भी हों हालात,
तू बन मेरा निगेहबान,
बरस जा बरस जा……
3. मेरी दुर्बलता में बल जो बनता है,
दुआ तू करता है
मेरी खातिर रो कर आहें भरता है,
सिफारिश करता है,
आ थाम तू मेरा हाथ,
ले चल येशु के पास,
बरस जा बरस जा…..